Credits
PERFORMING ARTISTS
Kumar Sanu
Vocals
COMPOSITION & LYRICS
Jeetu
Composer
Tapan
Composer
Pandit K Razdan
Lyrics
Lyrics
वक्त ने हम से कैसा लिया इम्तिहाँ?
वक्त ने हम से कैसा लिया इम्तिहाँ?
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं
बन तो सकती थी कितनी अलग दास्ताँ
बन तो सकती थी कितनी अलग दास्ताँ
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं, हाँ
वक्त ने हम से कैसा लिया इम्तिहाँ?
हम को इल्ज़ाम देने से क्या फ़ायदा?
हम को इल्ज़ाम देने से क्या फ़ायदा?
हम को इल्ज़ाम देने से क्या फ़ायदा?
अपने क़दमों की आहट से...
अपने क़दमों की आहट से खुद पूछ लो
किस ने किस पर गिराई थी क्यूँ बिजलियाँ?
किस ने किस पर गिराई थी क्यूँ बिजलियाँ?
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं, हाँ
वक्त ने हम से कैसा लिया इम्तिहाँ?
अपनी मर्ज़ी से आए थे महफ़िल में तुम
अपनी मर्ज़ी से आए थे महफ़िल में तुम
अपनी मर्ज़ी से आए थे महफ़िल में तुम
अपनी मर्ज़ी से खुद ही...
अपनी मर्ज़ी से खुद ही निकल भी गए
सब को ऐसी मोहब्बत मिलेगी कहाँ?
सब को ऐसी मोहब्बत मिलेगी कहाँ?
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं, हाँ
वक्त ने हम से कैसा लिया इम्तिहाँ?
काश आए हवा का वो झोंका कहीं
काश आए हवा का वो झोंका कहीं
काश आए हवा का वो झोंका कहीं
ले उड़े ज़िंदगी को...
ले उड़े ज़िंदगी को उसी मोड़ पर
जब मिली हम को पहली जुदाई यहाँ
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं
जब मिली हम को पहली जुदाई यहाँ
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं, हाँ
वक्त ने हम से कैसा लिया इम्तिहाँ?
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं
बन तो सकती थी कितनी अलग दास्ताँ
बन तो सकती थी कितनी अलग दास्ताँ
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं
हम ने रोका नहीं, तुम रुके भी नहीं, हाँ
वक्त ने हम से कैसा लिया इम्तिहाँ?
Written by: Jeetu, Pandit K Razdan, Tapan