Credits
PERFORMING ARTISTS
Anju Sharma
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Gulshan Sharma
Composer
Lyrics
ये तो प्रेम की बात है, ऊधो
बंदगी तेरे बस की नहीं है
(ये तो प्रेम की बात है, ऊधो)
(बंदगी तेरे बस की नहीं है)
यहाँ सर देके होते हैं सौदे
आशिक़ी इतनी सस्ती नहीं है
(ये तो प्रेम की बात है, ऊधो)
(बंदगी तेरे बस की नहीं है)
प्रेम वालों ने कब वक़्त पूछा
उनकी पूजा में सुन ले, ऐ ऊधो
यहाँ दम-दम में होती है पूजा
सर झुकाने की फ़ुर्सत नहीं है
(ये तो प्रेम की बात है, ऊधो)
(बंदगी तेरे बस की नहीं है)
यहाँ सर देके होते हैं सौदे
आशिक़ी इतनी सस्ती नहीं है
(ये तो प्रेम की बात है, ऊधो)
(बंदगी तेरे बस की नहीं है)
जो असल में है मस्ती में डूबे
उन्हें क्या परवाह ज़िंदगी की
जो उतरती है, चढ़ती है मस्ती
वो हक़ीक़त में मस्ती नहीं है
(ये तो प्रेम की बात है, ऊधो)
(बंदगी तेरे बस की नहीं है)
यहाँ सर देके होते हैं सौदे
आशिक़ी इतनी सस्ती नहीं है
(ये तो प्रेम की बात है, ऊधो)
(बंदगी तेरे बस की नहीं है)
जिसकी नज़रों में है श्याम प्यारे
वो तो रहते हैं जग से न्यारे
जिसकी नज़रों में मोहन समाए
वो नज़र फिर तरसती नहीं है
(ये तो प्रेम की बात है, ऊधो)
(बंदगी तेरे बस की नहीं है)
यहाँ सर देके होते हैं सौदे
आशिक़ी इतनी सस्ती नहीं है
(ये तो प्रेम की बात है, ऊधो)
(बंदगी तेरे बस की नहीं है)
(ये तो प्रेम की बात है, ऊधो)
(बंदगी तेरे बस की नहीं है)
Written by: Gulshan Sharma, Traditional

