Lyrics
नि सा सा सा नि सा सा सा रे गा रे सा
नि सा सा सा नि सा सा सा रे गा रे सा
पा धा धा धा पा धा धा धा नि सा नि धा
नि धा नि धा पा
मैंने जब देखा था तुझ को
रात भी वो याद है मुझ को
तारे गिनते-गिनते सो गया
दिल मेरा धड़का था कस के
कुछ कहा था तूने हँस के
मैं उसी पल तेरा हो गया
आसमानों पे जो ख़ुदा है
उस से मेरी यही दुआ है
चाँद ये हर रोज़ मैं देखूँ तेरे साथ में
आँख उठी, मोहब्बत ने अंगड़ाई ली
दिल का सौदा हुआ चाँदनी रात में
ओ, तेरी नज़रों ने कुछ ऐसा जादू किया
लुट गए हम तो पहली मुलाक़ात में
ओ, आँख उठी
नि सा सा सा नि सा सा सा रे गा रे सा
नि सा सा सा नि सा सा सा रे गा रे सा
पा धा धा धा पा धा धा धा नि सा नि धा
नि धा नि धा पा
पाँव रखना ना ज़मीं पर
जान, रुक जा तू घड़ी-भर
थोड़े तारे तो बिछा दूँ मैं तेरे वास्ते
आज़मा ले मुझ को, यारा
तू ज़रा सा कर इशारा
दिल जला के जगमगा दूँ मैं तेरे रास्ते
हाँ, मेरे जैसा इश्क़ में पागल
फिर मिले या ना मिले कल
सोचना क्या? हाथ ये दे-दे मेरे हाथ में
आँख उठी, मोहब्बत ने अंगड़ाई ली
दिल का सौदा हुआ चाँदनी रात में
ओ, तेरी नज़रों ने कुछ ऐसा जादू किया
लुट गए हम तो पहली मुलाक़ात में
ओ, आँख उठी...
सा रे गा रे सा रे गा मा गा रे
सा रे गा मा पा मा गा रे सा
हाँ, क़िस्से मोहब्बत के हैं जो किताबों में
सब चाहता हूँ मैं संग तेरे दोहराना
कितना ज़रूरी है अब मेरी ख़ातिर तू
मुश्किल है, मुश्किल है लफ़्ज़ों में कह पाना
अब तो ये आलम है, तू जान माँगे तो
मैं शौक़ से दे दूँ सौग़ात में
आँख उठी, मोहब्बत ने अंगड़ाई ली
दिल का सौदा हुआ चाँदनी रात में
ओ, तेरी नज़रों ने कुछ ऐसा जादू किया
लुट गए हम तो पहली मुलाक़ात में
ओ, आँख उठी...
Writer(s): Nusrat Fateh Ali Khan, Manoj Muntashir Shukla, Reegdeb Das, Raj Mawer
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