Lyrics

ऐसा नहीं कहीं कोई, है ग़लत फ़हमी जो बनी है खोया नहीं अपनापन, एहसास की राह चुनी है ऐसा नहीं कहीं कोई, है ग़लत फ़हमी जो बनी है खोया नहीं अपनापन, एहसास की राह चुनी है तरसती हैं निग़ाहें मेरी, तकती हैं राहें तेरी चाहिए पनाह तेरी ये कैसे मैं बताऊँ, "तू जो सोती नहीं आँखें मेरी, कटती नहीं रातें मेरी" तरसती हैं निग़ाहें मेरी, तकती हैं राहें तेरी चाहिए पनाह तेरी ये कैसे मैं बताऊँ, "तू जो सोती नहीं आँखें मेरी, कटती नहीं रातें मेरी" सच था या ग़लत फ़हमी पर ख़्वाब नहीं जुड़ पाते दुख देते, जाँ लेते हैं, तरस ज़रा नहीं खाते सच था या ग़लत फ़हमी पर ख़्वाब नहीं जुड़ पाते दुख देते, जाँ लेते हैं, तरस ज़रा नहीं खाते तरसती हैं निग़ाहें मेरी, तकती हैं राहें तेरी चाहिए पनाह तेरी ये कैसे मैं बताऊँ, "तू जो सोती नहीं आँखें मेरी, कटती नहीं रातें मेरी" तरसती हैं निग़ाहें मेरी, तकती हैं राहें तेरी चाहिए पनाह तेरी ये कैसे मैं बताऊँ, "तू जो सोती नहीं आँखें मेरी, कटती नहीं रातें मेरी"
Writer(s): Siddyy Abhinav Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out