Lyrics
रूठा मोरा मनवा, और ना कहीं लागे जिया
सूना पड़ा अँगना, के कब से ना आए पिया
रूठा मोरा मनवा, और ना कहीं लागे जिया
सूना पड़ा अँगना, के कब से ना आए पिया
उन्हें साँझ-सवेरे पुकारूँ
मैं तो कब से, हाँ, राह निहारूँ
कुछ भी तो भाए ना, अब जिया जाए ना
बस यादों को उनके सँवारूँ
के मन मोरा तरसे उनके बिना
हाँ, मन मोरा तरसे उनके बिना
बिरहा के आँसू बरसे उनके बिना
बिरहा के आँसू बरसे उनके बिना
हाँ, गिन-गिन हारी-हारी मैं रैना
हाँ, गिन-गिन हारी-हारी मैं रैना
ना एको पल निंदिया, ना एको पल चैना
ना एको पल निंदिया, ना एको पल चैना
के मन मोरा तरसे...
साजन कब से जो पास ना आए
दूरी हमको ये रास ना आए
कैसे जीयूँ कोई भी आस ना आए?
तड़पत दिल जैसे साँस ना आए
के मन घबरावे उनके बिना
हाँ, मन घबरावे उनके बिना
जियरा ललचावे उनके बिना
जियरा ललचावे उनके बिना
हाँ, गिन-गिन हारी-हारी मैं रैना
हाँ, गिन-गिन हारी-हारी मैं रैना
ना एको पल निंदिया, ना एको पल चैना
ना एको पल निंदिया, ना एको पल चैना
के मन मोरा तरसे...
ग-म-प, ग-म-प, ग-म-ध-प, म-ग-म-रे
ग-म-प, ग-म-प, ग-म-ध-प, म-ग-म-रे
रे-ग-म-प-म, ग, म, ध, रे-रे, सा, नी-नी
प, ध, नी, प, ध, स, नि, ध, प
प, ध, नि-ध-प-प, नि-ध-प-प, नि-ध, नि-ध, सा
ग, रे, ग, म, स, म, रे
Writer(s): Rishabh Raghuvanshi
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