Lyrics
ओ-ओ, पंख होते तो उड़ आती रे, रसिया
ओ, ज़ालिमा, तुझे दिल का दाग़ दिखलाती रे
हो-हो, पंख होते तो उड़ आती रे, रसिया
ओ, ज़ालिमा, तुझे दिल का दाग़ दिखलाती रे
यादों में खोई, पहुँची गगन में
पंछी बन के सच्ची लगन में
हो, यादों में खोई, पहुँची गगन में
पंछी बन के सच्ची लगन में
दूर से देखा मौसम हसीं था
दूर से देखा मौसम हसीं था
आने वाले तू ही नहीं था, रसिया
ओ, ज़ालिमा, तुझे दिल का दाग़ दिखलाती रे
हो-हो, पंख होते तो उड़ आती रे, रसिया
ओ, ज़ालिमा, तुझे दिल का दाग़ दिखलाती रे
किरणे बन के बाँहें फैलाई
आस के बादल पे जा के लहराई
हो, किरणे बन के बाँहें फैलाई
आस के बादल पे जा के लहराई
झूल चुकी मैं वादे का झूला
झूल चुकी मैं वादे का झूला
तू तो अपना वादा भी भुला, रसिया
ओ, ज़ालिमा, तुझे दिल का दाग़ दिखलाती रे
हो-हो, पंख होते तो उड़ आती रे, रसिया
ओ, ज़ालिमा, तुझे दिल का दाग़ दिखलाती रे
हो-हो, पंख होते तो उड़ आती रे, रसिया
ओ, ज़ालिमा, तुझे दिल का दाग़ दिखलाती रे
हो-हो, पंख होते तो उड़ आती रे...
Writer(s): Jaipuri Hasrat, Ramlal
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