Lyrics

अंबर से तोड़ा सूरज वो प्यारा अम्मा के आँचल में ढक डाला सारा, ढक डाला सारा अंबर से उतरी प्यारी कोयलिया कू करके उसने है जादू सा डाला, जादू सा डाला आधा चंदा, पूरा तारा है मेरे आँगन से उगने वाला अंबर से तोड़ा सूरज वो प्यारा अम्मा के आँचल में ढक डाला सारा, ढक डाला सारा अंबर से उतरी प्यारी कोयलिया कू करके उसने है जादू सा डाला, जादू सा डाला सुबह मुझे रोज़ मैना बुलाए जैसे कि जुगनू को रैना बुलाए, रैना बुलाए पेड़ों के झूलों में खेलूँगी मैं तो रे अम्मा से जा के ना कहना बुलाए, कहना बुलाए अंबर से तोड़ा सूरज वो प्यारा अम्मा के आँचल में ढक डाला सारा, ढक डाला सारा तितली के कानों में फूल लगाए पत्तों के माथे पे मोती सजाए, मोती सजाए मछली की उँगली को थामे हुए मैंने नदियों की धारो के गीत हैं गाए, गीत हैं गाए अंबर से तोड़ा सूरज वो प्यारा अम्मा के आँचल में ढक डाला सारा, ढक डाला सारा अंबर से उतरी प्यारी कोयलिया कू करके उसने है जादू सा डाला, जादू सा डाला
Writer(s): M. M. Kreem, Varun Grover Lyrics powered by www.musixmatch.com
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