Lyrics
ज़िंदगी दो पल की
ज़िंदगी दो पल की
इंतज़ार कब तक हम करेंगे भला?
तुम्हें प्यार कब तक ना करेंगे भला?
ज़िंदगी दो पल की
दिल में तुम्हारे छुपा दी है मैंने तो अपनी ये जाँ
अब तुम्हीं इसको संभालो, हमें अपना होश कहाँ
बेखुदी दो पल की, ज़िंदगी दो पल की
इंतज़ार कब तक हम करेंगे भला?
तुम्हें प्यार कब तक ना करेंगे भला?
एक छोटा सा वादा इस उम्र से ज़्यादा सच्चा है, सनम
हर मोड़ पर साथ इसलिए रहते हैं अब दोनों
दोस्ती दो पल की, ज़िंदगी दो पल की
इंतज़ार कब तक हम करेंगे भला?
तुम्हें प्यार कब तक ना करेंगे भला?
ज़िंदगी (ज़िंदगी)
दो पल की (दो पल की)
ज़िंदगी
Writer(s): Nasir Faraaz
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