Lyrics
ख़ामोशियों में रह के अब मैं तुझे कहाँ ढूँढूँ?
इस शोर में, इन आवाज़ों में किससे तेरा पता पूछूँ?
लगता है, तुमसे गुम हैं सवेरे
गुम हैं ये मौसम की सारी ख़्वाहिश
नज़रें मिला के तेरे फ़िज़ाओं से
कर दे जहाँ ਵਿੱਚ एक पल की बारिश
लगता है, तुमसे गुम हैं सवेरे
गुम हैं ये मौसम की सारी ख़्वाहिश
नज़रें मिला के तेरे फ़िज़ाओं से
कर दे जहाँ ਵਿੱਚ एक पल की बारिश
नज़ारों में कहीं तो तुमको देखता हूँ
बस एक दिल पे तुम्हारी तस्वीर रखा हूँ
नज़ारों में कहीं तो तुमको देखता हूँ
बस एक दिल पे तुम्हारी तस्वीर रखा हूँ
लगता है, तुमसे गुम हैं सवेरे
गुम हैं ये मौसम की सारी ख़्वाहिश
नज़रें मिला के तेरे फ़िज़ाओं से
कर दे जहाँ ਵਿੱਚ एक पल की बारिश
ख़ामोशियों में रह के अब मैं तुझे कहाँ ढूँढूँ?
इस शोर में, इन आवाज़ों में तेरा पता किससे पूछूँ?
Writer(s): Mitraz
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