Lyrics

जब आँखों को बंद करूँ मैं तू ही रू-ब-रू आए, क्या करूँ मैं? ज़िक्र लबों पे तेरा, तू दुआओं में इंतज़ार, तुझे बाँहों में भरूँ मैं क्या होता है हमें, मत पूछो हम पागल क्यूँ हो जाते हैं मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं जब तुम मिलने मुझे आते हो मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं तुझे इतना चाहें, कितना चाहें, चाहत की हद पार करें हीर-राँझा, लैला-मजनूँ जैसे हम भी प्यार करें Hey, तुझे इतना चाहें, कितना चाहें, चाहत की हद पार करें हीर-राँझा, लैला-मजनूँ जैसे, हाँ, जैसे हम भी प्यार करें जब देखते हो तुम मुझे प्यार से दीवाने से हो जाते हैं मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं जब तुम मिलने मुझे आते हो सावन जैसे दिन आते हैं मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं जब तुम मिलने मुझे आते हो मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं
Writer(s): Mandeep Singh, Rohanpreet Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com
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