Lyrics

तुझसे आगे मेरी सोच जाती नहीं मैं आशिक़ तेरा, तू मेरी आशिक़ी तुझसे आगे मेरी सोच जाती नहीं मैं आशिक़ तेरा, तू मेरी आशिक़ी देखूँ जब मैं तुझे, तब ढले मेरा दिन तू चाहत मेरी, तू मेरी ज़िंदगी जिस रोज़ ना देखूँ मैं तुझको, दिल पागल सा रहता है तू साथ रहे हर-पल मेरे, दिल मेरा मुझसे कहता है जिस रोज़ ना देखूँ मैं तुझको, दिल पागल सा रहता है तू साथ रहे हर-पल मेरे, दिल मेरा मुझसे कहता है बन गया है तू अब मेरी आशिक़ी आशिक़ी, आशिक़ी, तू मेरी आशिक़ी तेरे ग़म मैं सारे ले लूँगा, तुझे अपनी ख़ुशियाँ दे दूँगा मेरी रूह में तू बसा है, मेरी रूह में तू बसा है मेरे दरिया का तू किनारा है, बस तू ही मेरा सहारा है तेरे बिन जीना सज़ा है, तेरे बिन जीना सज़ा है हर लम्हा अब तुझे देखना चाहे दिल तू मन्नत मेरी, तू मेरी ताज़गी जिस रोज़ ना देखूँ मैं तुझको, दिल पागल सा रहता है तू साथ रहे हर-पल मेरे, दिल मेरा मुझसे कहता है जिस रोज़ ना देखूँ मैं तुझको, दिल पागल सा रहता है तू साथ रहे हर-पल मेरे, दिल मेरा मुझसे कहता है बन गया है तू अब मेरी आशिक़ी आशिक़ी, आशिक़ी, तू मेरी आशिक़ी बे-घर मैं, एक बंजारा था, तेरे बिन कितना आवारा था तेरे प्यार ने सँभाला, तेरे प्यार ने सँभाला किस क़दर मुझसे प्यार था, तुझे मेरा इंतज़ार था क्यूँ दिल से फिर निकाला? क्यूँ दिल से फिर निकाला? तोड़ना जब था दिल, तूने दिल क्यूँ लगाया? हो गया बेवफ़ा तू क्यूँ, दिल-नशीं? जिस रोज़ ना देखूँ मैं तुझको, दिल पागल सा रहता है तू साथ रहे हर-पल मेरे, दिल मेरा मुझसे कहता है जिस रोज़ ना देखूँ मैं तुझको, दिल पागल सा रहता है तू साथ रहे हर-पल मेरे, दिल मेरा मुझसे कहता है बन गया है तू अब मेरी आशिक़ी आशिक़ी, आशिक़ी, तू मेरी आशिक़ी
Writer(s): Rashid Khan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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