Lyrics

शाम को देखा छत पर तुझको जैसे रात में चाँद खिला दो नज़रें कुछ उलझी ऐसे तार से जैसे तार मिला हाथ उठा कर रब से मैंने तुझको दुआओं में माँगा तुझको अपना ख़्वाब बना कर साथ तेरे पहरों जागा सुबह मिली तू बन के किरण फिर से तेरा दीदार हुआ दिल में जागा अपनापन आँखों से इज़हार हुआ फिर हम दोनों पास आए चाहत का इक़रार हुआ हमको तुमसे प्यार हुआ तुमको हमसे प्यार हुआ हर परछाई जिस्म है तेरा धूप में खिलते रंग तेरे तेरे बिना भी तेरी गली में फिरता हूँ मैं संग तेरे तू है ख़यालों का एक दरिया तुझमें बहता जाऊँ मैं बारिश सी तू बरसे मुझमें तुझमें भीगा जाऊँ मैं डूब के तुझमें जब उभरा पहलू में तुझको पाया मुझपे बादल सा बिखरा तेरी ज़ुल्फ़ों का साया तेरे गले से लग के मैं रूह तलक गुलज़ार हुआ हमको तुमसे प्यार हुआ तुमको हमसे प्यार हुआ
Writer(s): Shakeel Azmi, Harish Sagane Lyrics powered by www.musixmatch.com
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