Lyrics

जान-ए-मन, सोच के मुझे तू ये बता तेरे बिन आसरा मेरा क्या है, ख़ुदा? कुदरत का यही है सिला, टूटा तो दिल तेरा-मेरा जान-ए-मन, सोच के मुझे तू ये बता तेरी रूह है इस ताबीज़ में, मेरे गले पे नूर है बेचैनियाँ मंज़ूर हैं, तू पास होके क्यूँ दूर है? कितने हसीन रातों से बना ये सिलसिला जान-ए-मन, सोच के मुझे तू ये बता तेरे बिन आसरा मेरा क्या है, ख़ुदा? कुदरत का यही है सिला, टूटा तो दिल तेरा-मेरा जान-ए-मन, सोच के मुझे तू ये बता साया तेरा था धूप में, तू है सितार हर रूप में कभी रूठ जाए तो तुझे साथ ले लूँगा और देखते ही देखते अपना बना लूँगा महफ़ूज़ कर लिया था हमने सारा ही जहाँ जान-ए-मन, सोच के मुझे तू ये बता तेरे बिन आसरा मेरा क्या है, ख़ुदा? कुदरत का यही है सिला, टूटा तो दिल तेरा-मेरा जान-ए-मन, सोच के मुझे तू ये बता जान-ए-मन, सोच के मुझे तू ये बता जान-ए-मन, सोच के मुझे तू ये बता
Writer(s): Prateek Kuhad Lyrics powered by www.musixmatch.com
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