Lyrics

नज़र तेरी तूफ़ान है, फिसल रहा ईमान है कि रात हमसे कह रही, "आ, चुप को तोड़ दें" हाँ, हम ज़रा मदहोश हैं, हाँ, तू ज़रा हैरान है कि रात हमसे कह रही, "तक़ल्लुफ़ छोड़ दे" कि तेरे घर में ख़ाली सी है जो जगह उसमें मुझे राज़ सा रह जाने दे कि तेरे दिल में ख़ाली सी है जो जगह उसमें मुझे राज़ सा रह जाने दे सँभलना है मुश्किल ज़रा, बिख़रना भी आसान है कि रात हमसे कह रही, "आ, चुप को तोड़ दें" ये वक़्त जैसे थम गया, ये तुझमें-मुझमें गुम गया ये होंठ जैसे ही मिले, बचा-कुचा वहम गया कि रात भर हम ढूँढ के सुबह कहीं से लाएँगे सुबह की धूप में पिघल के कुछ क़रीब आएँगे नयी-नयी है ये, मगर हसीन सी पहचान है कि रात हमसे कह रही, "तक़ल्लुफ़ छोड़ दें" कि तेरे घर में ख़ाली सी है जो जगह उसमें मुझे राज़ सा रह जाने दे कि तेरे दिल में ख़ाली सी है जो जगह उसमें मुझे राज़ सा रह जाने दे रह जाने दे, रह जाने दे रह जाने दे, रह जाने दे
Writer(s): Pritam Chakraborty, Varun Grover Lyrics powered by www.musixmatch.com
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