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PERFORMING ARTISTS
Shirish
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Shirish
Lyrics
Lyrics
तू क़स्में कहे, मैं क़स्में सुनूँ
तू क़िस्से कहे, मैं हँसते सुनूँ
तू क़स्में कहे, मैं क़स्में सुनूँ
Ah, तू क़िस्से कहे...
पर आवाज़ पहुँच रही है?
हैं फ़ासले, दो क़दम की दूरी लगे मीलों बड़ी
आभास ले ज़िंदगी का मेरी कभी ख़ुद की नज़रों से
लफ़्ज़ बरसों से
हैं फिरते खो के ये कहीं निकल के ज़ुबान से
ना मिलती मंज़िल हैं इनको इस उड़ान से
हैं फिरते खो के ये कहीं निकल के ज़ुबान से
ना मिलती मंज़िल हैं इनको इस उड़ान से
कहते कभी ना जो भी कहना है
सभी हैं सहते तन्हाई
साहिल समझ के करते शामिल हैं
ना समझे कोई गहराई
हैं फ़ासले, दो क़दम की दूरी लगे मीलों बड़ी
आभास ले ज़िंदगी का मेरी कभी ख़ुद की नज़रों से
लफ़्ज़ बरसों से
हैं फिरते खो के ये कहीं निकल के ज़ुबान से
ना मिलती मंज़िल हैं इनको इस उड़ान से
हैं फिरते खो के ये कहीं निकल के ज़ुबान से
ना मिलती मंज़िल हैं इनको इस उड़ान से
Writer(s): Shirish
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