Credits
PERFORMING ARTISTS
Ravi Raj
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Ravi Raj
Arranger
PRODUCTION & ENGINEERING
Ravi Raj
Producer
Lyrics
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी
बाग़ में आ खड़ी की खड़ी रह गई
बाग़ में आ खड़ी की खड़ी रह गई
राम देखे सिया को, सिया राम को
राम देखे सिया को, सिया राम को
चार अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गईं
चार अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गईं
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी
बाग़ में आ खड़ी की खड़ी रह गई
बाग़ में आ खड़ी की खड़ी रह गई
थे जनकपुर गए देखने के लिए
थे जनकपुर गए देखने के लिए
सारी सखियाँ झरोकों से झाँकने लगी
सारी सखियाँ झरोकों से झाँकने लगी
देखते ही नज़र मिल गई दोनों की
देखते ही नज़र मिल गई दोनों की
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गई
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गई
राम देखे सिया को, सिया राम को
राम देखे सिया को, सिया राम को
चार अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गईं
चार अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गईं
बोली है इक सखी राम को देख कर
बोली है इक सखी राम को देख कर
कि विधाता ने जोड़ी बनाई सुघर
कि विधाता ने जोड़ी बनाई सुघर
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुँवर
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुँवर
मन में शंका बनी की बनी रह गई
मन में शंका बनी की बनी रह गई
राम देखे सिया को, सिया राम को
राम देखे सिया को, सिया राम को
चार अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गईं
चार अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गईं
बोली दूसरी सखी, छोट देखन में है
बोली दूसरी सखी, छोट देखन में है
पर चमत्कार इनका नहीं जानती
पर चमत्कार इनका नहीं जानती
एक ही बाण में ताड़का राक्षसी
एक ही बाण में ताड़का राक्षसी
उठ सकी ना, पड़ी की पड़ी रह गई
उठ सकी ना, पड़ी की पड़ी रह गई
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी
बाग़ में आ खड़ी की खड़ी रह गई
बाग़ में आ खड़ी की खड़ी रह गई
राम देखे सिया को, सिया राम को
राम देखे सिया को, सिया राम को
चार अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गईं
Written by: Traditional

