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बलिदानों (बलिदानों)
आहुतियों (आहुतियों)
से जन्मी ये गाथा
बरसों से जलती है
बदले की ये ज्वाला
क्या मृत्यु उस महासमर की जननी है
जिसका वर्णन सृष्टि करती?
क्या अंबर की नगरी से वो रखवाला आया
जिसके पाँव चूमे धरती?
बलिदानी क्या नियति रचने में है सक्षम?
नस-नस में जो घोले वो लहू है शिवम, शिवम
Writer(s): Manoj Muntashir, Mm Kreem
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