Credits

PERFORMING ARTISTS
Bayaan
Bayaan
Performer
Sherazam
Sherazam
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Bayaan
Bayaan
Composer
Sherazam
Sherazam
Composer
Asfar Hussain
Asfar Hussain
Lyrics
PRODUCTION & ENGINEERING
Farhan Zameer
Farhan Zameer
Producer

Lyrics

ओ सनम, ओ जिगर, तुमको हो क्या ही खबर
कैसे कटी ये रातें हैं
कहते हैं सब मगर, कोई चला ना इन पर
रास्ते जो मैंने नापे हैं
कभी है तारों की झिलमिल
कभी ना दिखती मंज़िल
ऐसा सफर मेरा
मैं भागा-भागा, सदियों से जागा
आया हूं मीलों गाँव से
ना हमसफर कोई, ना अपना घर, यारा
रहता हूं बहती नावों पे
दिखते हैं ख्वाब जो जागती आंखों को
सपने नहीं, इरादे हैं
पूरे वो करने को चल पड़े नंगे पैरों
ख़ुद से किए जो वादे हैं
रुकना ना कभी भी था हल
चलना ही तो है मंज़िल
मैं ना कहीं ठहरा
मैं भागा-भागा, सदियों से जागा
आया हूं मीलों गाँव से
ना हमसफर कोई, ना अपना घर, यारा
रहता हूं बहती नावों पे
मैं भागा-भागा, सदियों से जागा
आया हूं मीलों करके इरादा
मैं भागा-भागा, सदियों से जागा
आया हूं मीलों करके इरादा
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
शहर की हवा ने मुझ में रंग भरे
मैं भोला सा पुरानी तस्वीरों में
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
देख के रब ने अज़्म, मुझे पर दिए
के उड़ सकूँ बुलंद तक़दीरों से
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
शहर की हवा ने मुझ में रंग भरे
मैं भोला सा पुरानी तस्वीरों में
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
देख के रब ने अज़्म, मुझे पर दिए
के उड़ सकूँ बुलंद तक़दीरों से
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
शहर की हवा ने मुझ में रंग भरे
मैं भोला सा पुरानी तस्वीरों में
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
देख के रब ने अज़्म, मुझे पर दिए
के उड़ सकूँ बुलंद तक़दीरों से
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
शहर की हवा ने मुझ में रंग भरे
मैं भोला सा पुरानी तस्वीरों में
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
देख के रब ने अज़्म, मुझे पर दिए
के उड़ सकूँ बुलंद तक़दीरों से
Written by: Asfar Hussain, Bayaan, Sherazam
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