Credits
PERFORMING ARTISTS
Jagjit Singh
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Nida Fazli
Songwriter
Lyrics
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
मैं ही कश्ती हूँ, मुझी में है समंदर मेरा
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
एक से हो गए मौसमहों के चेहरे सारे
एक से हो गए मौसमहों के चेहरे सारे
मेरी आँखों से कहीं खो गया मंज़र मेरा
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
किससे पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ कई बरसों से?
किससे पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ कई बरसों से?
हर जगह ढूँढता, फिरता है मुझे घर मेरा
हर जगह ढूँढता, फिरता है मुझे घर मेरा
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
मुद्दतें हो गईं एक ख़्वाब सुनहरा देके
मुद्दतें हो गईं एक ख़्वाब सुनहरा देके
जागता रहता है हर नींद में बिस्तर मेरा
जागता रहता है हर नींद में बिस्तर मेरा
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
मैं ही कश्ती हूँ, मुझी में है समंदर मेरा
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
Written by: Nida Fazli, Sudeep Banerjee