Music Video
Featured In
Lyrics
लबों पे जो भी हो
कह भी दो ठहर हूँ मैं
ये दिल की बात को रोको न ठहर हूँ मैं
नशीली रात है, तारे भी साथ है
गुनगुनाते हम चले शहरों की गलियों से
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया, फ़िसल गया
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया, पिगल गया
ये कोई न कहे, सुने भी कोई न ये
इरादे वो ही है, बदल गई मंज़िल
ये कैसा खेल है, क्यूँ इधर हम फस गए
ये वादों का है क्या, आज है, कल नहीं
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया, फ़िसल गया
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया, पिगल गया
तू भी है, मैं भी हूँ
प्यार भी है यहाँ
नज़र में तू आ गई
नज़र में मैं आ गया
है रास्ते जुदा, तो क्या हुआ राज़ी हूँ मैं
जज़्बातों का है क्या, आज है, कल नहीं
लबों पे जो भी हो
कह भी दो ठहर हूँ मैं
ये दिल की बात को रोको न ठहर हूँ मैं
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया, फ़िसल गया
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया, पिगल गया
पिगल गया, पिगल गया
पिगल गया, पिगल गया
Writer(s): Prateek Kuhad
Lyrics powered by www.musixmatch.com