Yaklaşan Amit Kumar & Asha Bhosle Konserleri
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Krediler
PERFORMING ARTISTS
Amit Kumar
Performer
Asha Bhosle
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Bappi Lahiri
Composer
Javed Akhtar
Songwriter
PRODUCTION & ENGINEERING
Bappi Lahiri
Producer
Şarkı sözleri
मुझको ये ज़िंदगी लगती है अजनबी
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
मुझको ये ज़िंदगी लगती है अजनबी
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
जाने कहाँ से आया हूँ, क्या जाने मैं कौन हूँ
कोई ये समझाए मुझे, कैसे मैं ये ग़म सहूँ?
जाने कहाँ से आया हूँ, क्या जाने मैं कौन हूँ
कोई ये समझाए मुझे, कैसे मैं ये ग़म सहूँ?
मुझको ये ज़िंदगी लगती है अजनबी
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
फिर से अँधेरे छा गए, खोई उजाले की किरण
कल राहों में फूल थे, अब हैं काँटों की चुभन
फिर से अँधेरे छा गए, खोई उजाले की किरण
कल राहों में फूल थे, अब हैं काँटों की चुभन
मुझको ये ज़िंदगी लगती है अजनबी
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
तुम ही कहो, क्या बात है? मुझको लगे तुम अपने क्यूँ?
जब से देखा है तुम्हें, देख रही हूँ सपने क्यूँ?
तुम ही कहो, क्या बात है? मुझको लगे तुम अपने क्यूँ?
जब से देखा है तुम्हें, देख रही हूँ सपने क्यूँ?
मुझको ये ज़िंदगी लगती है अजनबी
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
कैसे मैं तुमसे ये कहूँ? जान हो तुम और दिल भी तुम
तुम बिन अब जाऊँ कहाँ? राह भी तुम, मंज़िल भी तुम
कैसे मैं तुमसे ये कहूँ? जान हो तुम और दिल भी तुम
तुम बिन अब जाऊँ कहाँ? राह भी तुम, मंज़िल भी तुम
मुझको ये ज़िंदगी लगती है अजनबी
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
छाँव भी, धूप भी, हर नए पल है नई
Writer(s): Bappi Lahiri, Javed Akhtar
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