Şarkı sözleri

Yeah, yeah Eh-eh-eh ज़िंदगी, मैं तुझसे कितना परेशान हूँ अपनों में भी खुद से मैं तो अंजान हूँ ज़िंदगी, मैं तुझसे कितना परेशान हूँ आपनों में भी खुद से मैं तो अंजान हूँ उम्र भर मैं जिसे कभी चाहता रहा हर पल, हर दिन बेकरार रहा उसके ही नाम से मैं तो बदनाम हूँ ज़िंदगी, मैं तुझसे कितना परेशान हूँ अपनों में भी खुद से मैं तो अंजान हूँ हो गये फ़ासले, हो गयी दूरियाँ कैसी बेबसी है? कैसी मजबूरियाँ? क्यूँ अभी तक मुझे तेरी उम्मीद है? कितना पागल है दिल, कितना नादान है मैं कभी था तेरा, अब तो अंजान हूँ ज़िंदगी, मैं तुझसे कितना परेशान हूँ अपनों में भी खुद से मैं तो अंजान हूँ क्या क़यामत से पहले हम मिलेंगे कभी? लौट आएगी तू, ऐसा मुमकिन नहीं जाने क्या-क्या हमें लोग कहते रहे! तू तड़पती रही, फिर भी सहते रहे तू मिले, ना मिले तुझको चाहता रहूँ ज़िंदगी, मैं तुझसे कितना परेशान हूँ अपनों में भी खुद से मैं तो अंजान हूँ उम्र भर मैं जिसे कभी चाहता रहा हर पल, हर दिन बेकरार रहा उसके ही नाम से मैं तो बदनाम हूँ ज़िंदगी, मैं तुझसे कितना परेशान हूँ अपनों में भी खुद से मैं तो अंजान हूँ
Writer(s): Muhammad Irfan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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