Şarkı sözleri

ज़रा ठहरो, ज़रा बैठो, करनी हैं बातें पास आओ और थोड़ा, सर्द हैं रातें आसान होता तो मैं कब का कह चुका होता ऐसे तुम्हारे सामने ख़ामोश ना रहता ज़रा ठहरो, ज़रा बैठो, करनी हैं बातें पास आओ और थोड़ा, सर्द हैं रातें मेरी आँखों में, साँसों में पहले भी ये ख़्वाब चलता रहा तेरी नींदों में चुपके से जाने से जाने क्यूँ डरता रहा बारिश की बूँदों सा ये दिल गिरता-बरसता है तुम पास होते हो, मगर फ़िर भी तरसता है ज़रा ठहरो, ज़रा बैठो, करनी हैं बातें तुमको पाना चाहती हैं मेरी बरसातें कोई आए ना, जाए ना आओ ना, ऐसी जगह पे ले चलूँ हाँ, जहाँ वक़्त हमारा रुका हो और मैं अपने दिल की कहूँ धड़कन को अपनी एक पल आराम ना देना इस मोड़ पे आकर के दिल को तोड़ ना देना ज़रा ठहरो, ज़रा बैठो, करनी हैं बातें और थोड़ी देर चलने दो मुलाक़ातें
Writer(s): Amaal Mallik Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out