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Krediler
PERFORMING ARTISTS
Samar Mehdi
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Samar Mehdi
Songwriter
Şarkı sözleri
गुमसुम है क्यूँ? परेशाँ है क्यूँ?
ऐ नूर के सागर, तू हैराँ है क्यूँ?
मुझसे कहें ये ख़ामोशियाँ
के "छुपा लूँ तुझे अपनी बाँहों में यूँ"
के तेरे दिल को राहत दे सकूँ
के तेरी रूह तक पहुँचा दूँ सुकूँ
गुमसुम है क्यूँ? परेशाँ है क्यूँ?
कहे बिन कहे जो आहों से
छुए बिन छुए, है ऐसी वो
लिखी है जो बात आँखों में
पढ़े बिन पढ़ें, है ऐसी वो
दिल तेरा दुखे तो मेरी पलकों पे
नमी सा एहसास है
गुमसुम है क्यूँ? परेशाँ है क्यूँ?
ऐ नूर के सागर, तू हैराँ है क्यूँ?
मुझसे कहें ये ख़ामोशियाँ
के "छुपा लूँ तुझे अपनी बाँहों में यूँ"
के तेरे दिल को राहत दे सकूँ
के तेरी रूह तक पहुँचा दूँ सुकूँ
के तेरे दिल को राहत दे सकूँ
के तेरी रूह तक पहुँचा दूँ सुकूँ
Writer(s): Syed Samar Mehdi
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