Şarkı sözleri
चाहा तुम्हें हम ने दिल से बहुत
फिर भला दूर क्यूँ हो गए?
क्या थी वजह, छोड़ के जो मुझे
तुम किसी और के हो गए?
कैसे भुला दूँ वो लम्हे
तेरे साथ जो थे गुज़ारे?
कैसे मिटा दूँ वो यादें
मैं जीता हूँ जिन के सहारे?
मेरे दर्द से लिपट रहा
हूँ तनहा मैं यहाँ
साँसें रुकी-रुकी सी हैं
ये दिल भी ग़मज़दा
झूठी मोहब्बत, झूठी थी क़समें
झूठे थे सारे वादे तेरे
करता था इतनी तुम से मोहब्बत
धोखा किया क्यूँ साथ मेरे?
जितना भी चाहो, तुम दूर जाओ
हम तो रहेंगे पास तेरे
मुड़ के अगर तुम फिर लौट आओ
पाओगे ख़ुद को दिल में मेरे
रह ना सकूँगा तेरे बिन
तू आदत मेरी बन चुका है
चाहेंगे तुम को हमेशा
ये वादा जो तुम से किया है
मेरे दर्द से लिपट रहा
हूँ तनहा मैं यहाँ
साँसें रुकी-रुकी सी हैं
ये दिल भी ग़मज़दा
Writer(s): Harish Subhash Sagane
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