Şarkı sözleri

मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी सीता राम चरित अति पावन मधुर सरस अरु अति मनभावन पुनि पुनि कितनेहू सुने सुनाये हिय की प्यास भुझत न भुझाये
Writer(s): Agam Aggarwal Lyrics powered by www.musixmatch.com
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