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Yaklaşan A.R. Rahman, Alka Yagnik, Sehar, Shaan, Shankar Mahadevan, Sukhwinder Singh & Udit Narayan Konserleri

Şurada:

Krediler

PERFORMING ARTISTS
Alka Yagnik
Alka Yagnik
Vocals
Udit Narayan
Udit Narayan
Vocals
Sukhwinder Singh
Sukhwinder Singh
Vocals
Shankar Mahadevan
Shankar Mahadevan
Vocals
Shaan
Shaan
Vocals
COMPOSITION & LYRICS
A.R. Rahman
A.R. Rahman
Composer
Javed Akhtar
Javed Akhtar
Lyrics
PRODUCTION & ENGINEERING
A.R. Rahman
A.R. Rahman
Producer
Bunt Stafford-Clark
Bunt Stafford-Clark
Mastering Engineer
H. Sridhar
H. Sridhar
Engineer
S. Sivakumar
S. Sivakumar
Engineer

Şarkı sözleri

घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन घनन-घनन, घिर-घिर आए बदरा घने, घनघोर, कारे छाए बदरा धमक-धमक, गूँजे बदरा के डंके चमक-चमक, देखो, बिजुरिया चमके मन धड़काए बदरवा, मन धड़काए बदरवा मन-मन धड़काए बदरवा काले मेघा, काले मेघा, पानी तो बरसाओ काले मेघा, काले मेघा, पानी तो बरसाओ बिजुरी की तलवार नहीं बूँदों के बाण चलाओ मेघा छाए, बरखा लाए, घिर-घिर आए, घिर के आए कहे ये मन मचल-मचल "ना यूँ चल सँभल-सँभल" गए दिन बदल, तू घर से निकल बरसने वाला है अब अमृत जल दुविधा के दिन बीत गए, भैया, मल्हार सुनाओ (घनन-घनन, घिर-घिर आए बदरा) (घने, घनघोर, कारे छाए बदरा) (धमक-धमक, गूँजे बदरा के डंके) (चमक-चमक, देखो, बिजुरिया चमके) (मन धड़काए बदरवा, मन धड़काए बदरवा) (मन-मन धड़काए बदरवा) रस अगर बरसेगा, कौन फिर तरसेगा? कोयलिया गाएगी बैठी मुंडेरों पर जो पंछी गाएँगे, नये दिन आएँगे उजाले मुस्कुरा देंगे अँधेरों पर प्रेम की बरखा में भीगे-भीगे तन-मन धरती पे देखेंगे पानी का दर्पण जईयो तुम जहाँ-जहाँ देखियो वहाँ-वहाँ यही एक समाँ कि धरती यहाँ है पहने सात रंगों की चुनरिया घनन-घनन, घिर-घिर आए बदरा घने, घनघोर, कारे छाए बदरा धमक-धमक, गूँजे बदरा के डंके चमक-चमक, देखो, बिजुरिया चमके मन धड़काए बदरवा, मन धड़काए बदरवा मन-मन धड़काए बदरवा पेड़ों पर झूले डालो और ऊँची पेंग बढ़ाओ काले मेघा, काले मेघा, पानी तो बरसाओ (काले मेघा, काले मेघा, पानी तो बरसाओ) बिजुरी की तलवार नहीं बूँदों के बाण चलाओ आई है रात मतवाली बिछाने हरियाली ये अपने संग में लाई है सावन को ये बिजुरी की पायल, ये बादल का आँचल सजाने लाई है धरती की दुल्हन को डाली-डाली पहनेगी फूलों के कंगन सुख अब बरसेगा आँगन-आँगन खिलेगी अब कली-कली हँसेगी अब गली-गली हवा जो चली तो रुत लगी भली जला दे जो तन-मन वो धूप ढली (घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन) काले मेघा, काले मेघा, पानी तो बरसाओ (पानी तो बरसाओ) बिजुरी की तलवार नहीं बूंदों के बाण चलाओ (बूँदों के बाण चलाओ) घनन-घनन, घिर-घिर आए बदरा घने, घनघोर, कारे छाए बदरा धमक-धमक, गूँजे बदरा के डंके चमक-चमक देखो... घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन, घन-घनन-घनन
Writer(s): Javed Akhtar, A.r. Rahman Lyrics powered by www.musixmatch.com
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