Lyrics

कुछ सुस्त क़दम रस्ते
इस मोड़ से जाते हैं
कुछ सुस्त कदम रस्ते, कुछ तेज़ क़दम राहें
इस मोड़ से जाते हैं
सहरा की तरफ़ जाकर एक राह बगोलों में
खो जाती है चकरा कर एक राह उधड़ती सी
छिलती हुई काँटों से जंगल से गुज़रती है
एक दौड़ के जाती है
और कूद के गिरती है
अनजान खलाओं में
इस मोड़ से जाते हैं
उस मोड़ पे बैठा हूँ जिस मोड़ से जाती है
हर एक तरफ़ राहें
एक रोज़ तो यूँ होगा, इस मोड़ पे आकर तुम
रुक जाओगी, कह दोगी
"वो कौन सा रस्ता है?
जिस राह पे जाना है"
जिस राह पे जाना है
"वो कौन सा रस्ता है?
जिस राह पे जाना है"
जिस राह पे जाना है
वो कौन सा रस्ता है?
Written by: Gulzar, R.D. Burman
instagramSharePathic_arrow_out