制作
出演艺人
Sonu Nigam
表演者
作曲和作词
Sajid-Wajid
作曲
Shabbir Ahmed
作词
歌词
फ़रियाद क्या करें हम
किसे दास्ताँ सुनाएँ
फ़रियाद क्या करें हम
किसे दास्ताँ सुनाएँ
हम दिल से जिसे चाहें
उसे कैसे भूल जाएँ
चारों तरफ़ अँधेरा
ख़ुशियाँ ना रास आएँ
हम दिल से जिसे चाहें
उसे कैसे भूल जाएँ
दो दिल में दूरी हो गई
ख़ुशियाँ अधूरी हो गईं
कैसी मजबूरी हो गई
सुन ले मेरे साथिया
सुन ले मेरे साथिया
धागा हो तो मैं तोड़ूँ
दरिया हो तो मैं मोड़ूँ
चाहत ना तोड़ी जाए
सुन ले मेरे साथिया
सुन ले मेरे साथिया
वक़्त थम से गए
दूर हम हो गए
क्या ख़ता हो गई
ख़ामोश लब है आँखो से
पर अश्क छलक जाए
हम दिल से जिसे चाहें
उसे कैसे भूल जाएँ
हो...
क़िस्मत में लिखी जुदाई
मिलों-मिलों तन्हाई
चाहत भी रास ना आई
सुन ले मेरे साथिया
सुन ले मेरे साथिया
अश्कों की धारा झूले
दर्द-ओ-गुबाँ सब भूले
डर है कि मौत ना छूले
सुन ले मेरे साथिया
सुन ले मेरे साथिया
टुकड़े-टुकड़े हुए
ख़्वाब दिल के मेरे
मंज़िलें खो गईं
चाहत बड़ी अजीब है
हँस्ते हुए रुलाए
हम दिल से जिसे चाहें
उसे कैसे भूल जाएँ
फ़रियाद क्या करें हम
किसे दास्ताँ सुनाएँ
हम दिल से जिसे चाहें
उसे कैसे भूल जाएँ
Written by: Sajid-Wajid, Shabbir Ahmed

