歌词
मिल जाते हैं जो प्यार में
मर के भी वो बिछड़ते नहीं
मिल जाते हैं जो प्यार में
मर के भी वो बिछड़ते नहीं
हम उन्हें भूल सकते नहीं
वो हमें भूल सकते नहीं
हो, मिल जाते हैं जो प्यार में
मर के भी वो बिछड़ते नहीं
कौन सी चाँदनी रात में?
क्या हुआ? किस मुलाक़ात में?
याद आती है जब भी कोई
बात, बस बात ही बात में
जैसे रोते हैं दिल टूट के
जैसे रोते हैं दिल टूट के
ऐसे सावन बरसते नहीं
हो, मिल जाते हैं जो प्यार में
मर के भी वो बिछड़ते नहीं
ग़म की नज़रों पे छाया हुआ
दर्द हँसते नज़ारों का है
दिल के बाहर है पतझड़, मगर
दिल में मौसम बहारों का है
उनकी यादों के ये फूल तो
उनकी यादों के ये फूल तो
टूट कर भी बिखरते नहीं
हो, मिल जाते हैं जो प्यार में
मर के भी वो बिछड़ते नहीं
हम को ले जाएगी अब कहाँ
प्यार की ये गली, क्या पता
भूल से हम यहाँ आ गए
वापसी का नहीं रास्ता
इसलिए बच के चलते हैं लोग
इसलिए बच के चलते हैं लोग
इस गली से गुज़रते नहीं
हो, मिल जाते हैं जो प्यार में
मर के भी वो बिछड़ते नहीं
किस तरफ़? किस को आवाज़ दे?
कौन जाने, कहाँ रह गया
रात ग़म की गुज़रती गई
ये अँधेरा यहाँ रह गया
हम जहाँ हैं वहाँ आज-कल
हम जहाँ हैं वहाँ आज-कल
चाँद-सूरज निकलते नहीं
मिल जाते हैं जो प्यार में
मर के भी वो बिछड़ते नहीं
हम उन्हें भूल सकते नहीं
वो हमें भूल सकते नहीं
हो, मिल जाते हैं जो प्यार में
मर के भी वो बिछड़ते नहीं
Written by: Anand Bakshi, Anu Malik