歌词
चाँद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
हो, चाँद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
वो बेचारा दूर से देखे...
वो बेचारा दूर से देखे, करे ना कोई शोर
हो, चाँद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
दूर से देखे और ललचाए
प्यास नज़र की बढ़ती जाए, बढ़ती जाए
दूर से देखे और ललचाए
प्यास नज़र की बढ़ती जाए
बदली क्या जाने है पागल किसके मन का मोर
हो, चाँद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
साथ चले तो साथ निभाना
मेरे साथी भूल ना जाना, भूल ना जाना
साथ चले तो साथ निभाना
मेरे साथी भूल ना जाना
मैंने तुम्हारे हाथ में दे दी अपनी जीवन डोर
हो, चाँद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
हो, चाँद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
Written by: Indeevar, Usha Khanna


