歌词
हाँ, किसी ने ये क्यूँ दिल की दुनिया बनाई?
बना के फिर इसमें मोहब्बत बसाई
मोहब्बत ने आते ही क्या गुल खिलाए
तड़प कर लगा दिल ये देने दुहाई, क्या?
मोहब्बत ने मुझे मारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा
(मोहब्बत ने मुझे मारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा)
दिखाए दिन को ये तारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा
(दिखाए दिन को ये तारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा)
मेरी तौबा, मेरी तौबा (मेरी तौबा, मेरी तौबा)
(मोहब्बत ने मुझे मारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा)
(मोहब्बत ने मुझे मारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा)
ये सूरत से तो शबनम है, मगर सीरत से चिंगारी, हाय
किसी दुश्मन को भी ना हो ज़माने में ये बीमारी, हाँ
मरे बे-मौत बेचारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा
(मरे बे-मौत बेचारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा)
मेरी तौबा, मेरी तौबा (मेरी तौबा, मेरी तौबा)
(मोहब्बत ने मुझे मारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा)
(मोहब्बत ने मुझे मारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा)
निशाना जो बने इसका बड़ा मज़लूम वो दिल है, हाँ
इशारों से करे बिस्मिल, ये वो मासूम क़ातिल है, हाँ
यहाँ शैतान भी हारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा
(यहाँ शैतान भी हारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा)
मेरी तौबा, मेरी तौबा (मेरी तौबा, मेरी तौबा)
(मोहब्बत ने मुझे मारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा)
(मोहब्बत ने मुझे मारा, मेरी तौबा, मेरी तौबा)
Written by: C. Ramchandra, Rajendra Krishan


