制作
出演艺人
Shamshad Begum
领唱
Farooq Got Audio
混音师
作曲和作词
O. P. Nayyar
作曲
Majrooh Sultanpuri
作词
歌词
कभी आर, कभी पार लागा तीर-ए-नज़र
कभी आर, कभी पार लागा तीर-ए-नज़र
सैयाँ, घायल किया रे तूने मोरा जिगर
कभी आर, कभी पार लागा तीर-ए-नज़र
कभी आर, कभी पार लागा तीर-ए-नज़र
सैयाँ, घायल किया रे तूने मोरा जिगर
कितना सँभाला, बैरी दो नैनों में खो गया
कितना सँभाला, बैरी दो नैनों में खो गया
देखती रह गई मैं तो, जिया तेरा हो गया
देखती रह गई मैं तो, जिया तेरा हो गया
दर्द मिला ये जीवन-भर का, मारा ऐसा तीर नज़र का
दर्द मिला ये जीवन-भर का, मारा ऐसा तीर नज़र का
लूटा चैन-ओ-क़रार
कभी आर, कभी पार लागा तीर-ए-नज़र
कभी आर, कभी पार लागा तीर-ए-नज़र
सैयाँ, घायल किया रे तूने मोरा जिगर
पहले मिलन में ये तो दुनिया की रीत है
पहले मिलन में ये तो दुनिया की रीत है
बात में ग़ुस्सा, लेकिन दिल ही दिल में प्रीत है
बात में ग़ुस्सा, लेकिन दिल ही दिल में प्रीत है
मन ही मन में लड्डू फूटे, नैनों से फुलझड़ियाँ छूटे
मन ही मन में लड्डू फूटे, नैनों से फुलझड़ियाँ छूटे
होंठों पर तक़रार
कभी आर, कभी पार लागा तीर-ए-नज़र
कभी आर, कभी पार लागा तीर-ए-नज़र
सैयाँ, घायल किया रे तूने मोरा जिगर
Written by: Majrooh Sultanpuri, O. P. Nayyar

