歌词
तू बेवफ़ा थी, तू बेवफ़ा है
तू बेवफ़ा ही रहेगी
तूने मुझे जो ज़ख़्म दिया है
वो ना कभी भर पाएगा
बीत गया तेरे संग जो लम्हा
लौट के फिर ना आएगा
तेरी ख़ातिर मैंने दुनिया को छोड़ा
तूने, सनम, मेरे दिल को है तोड़ा
इक पल में मुझे छोड़ गई तू
सारी रस्मों को तोड़ गई
ख़ुद तो होगी कहीं आराम से
मेरे दिल को तड़पता छोड़ गई
तू बेवफ़ा थी, तू बेवफ़ा है
तू बेवफ़ा ही रहेगी
मुझे अपनी सूरत कभी ना दिखाना
ओ, परदेसी, तू वापस ना आना
ओ, परदेसी, तू वापस ना आना
ज़ख़्म देके फिर तू ना मरहम लगाना
ओ, परदेसी, तू वापस ना आना
ओ, परदेसी, तू वापस ना आना
तू बेवफ़ा थी, तू बेवफ़ा है
तू बेवफ़ा ही रहेगी
हाँ, तूने मोहब्बत की दी है सज़ा
बिन तेरे दिल अब ना रह पाएगा
दर्द-ए-जुदाई ना सह पाएगा
हाल-ए-दिल किसी से ना कह पाएगा
देखा था सपना वो अब टूट गया
चाहत का दामन छूट गया
क्या कमी थी मेरे प्यार में
या रब ही मुझसे रूठ गया?
बड़ा मुश्किल है दिल को समझाना
बेबस मोहब्बत है, क़ातिल ज़माना
क़ातिल ज़माना, क़ातिल ज़माना
ज़ख़्म देके फिर तू ना मरहम लगाना
ओ, परदेसी, तू वापस ना आना
ओ, परदेसी, तू वापस ना आना
मुझे अपनी सूरत कभी ना दिखाना
ओ, परदेसी, तू वापस ना आना
ओ, परदेसी, तू वापस ना आना
तेरी बेवफ़ाई का क्या मैं सिला दूँ
दुनिया भुला के मैं ख़ुद को मिटा दूँ
चैन नहीं, ना क़रार मुझे है
इस बात का क्या इल्म तुझे है?
करनी थी 'गर तुझको बेवफ़ाई
मेरी ज़िंदगी में, बेवफ़ा, तू क्यूँ आई?
मुझको यूँ तन्हा छोड़ गई तू
सारे रिश्तों को तोड़ गई
ख़ुद तो होगी कहीं आराम से
मेरे दिल को तड़पता छोड़ गई
तू बेवफ़ा थी, तू बेवफ़ा है
तू बेवफ़ा ही रहेगी
Written by: Maniish Mahtaab, Maniish Sinha