歌词
ख्वाबों की डोर में पतंग हूं कहीं मैं कहता हूं वो मेरा है वो कहता है नहीं उसको संभाला था यूं वो टूटे ना कभी मैं कहता हूं वो मेरा है वो कहता है नहीं मिट जाएंगे फासले एक रोज़ देखोगे तुम जब आएंगे सामने एक रोज़ देखोगे तुम कैसी ये मायूसी दिल तक है जाने लगी हम मुस्कुराएंगे एक रोज़ देखोगे तुम मिल जाएगा वो मुझे या होगी खामोशी मैं कहता हूं वो मेरा है वो कहता है नहीं उसकी फ़िराक में मैं सो जाऊंगा यहीं मैं कहता हूं वो मेरा है वो कहता है नहीं खुद से ही वादे किए और खुद ही तोड़े सभी मैं कहता हूं वो मेरा है वो कहता है नहीं
Written by: Shalof Khan