音乐视频

Seven - Mahishasuramardinistotram (Track 04) Sacred Chants Vol 3
观看 {artistName} 的 {trackName} 音乐视频

精选于

制作

出演艺人
Priya Shankar
Priya Shankar
表演者
Uma Mohan
Uma Mohan
演唱
G. Gayathri Devi
G. Gayathri Devi
演唱
Saindhavi
Saindhavi
演唱
R. Ramya
R. Ramya
演唱
U. Srinivas
U. Srinivas
表演者
作曲和作词
Priya Shankar
Priya Shankar
作曲
Srinivas
Srinivas
作曲

歌词

अयि गिरिननि नंदितमेदिनि विश्वविनोदिनि नंदनुते गिरिवर विंध्य शिरोधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठकुटुंबिनि भूरि कुटुंबिनि भूरि कृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्य कपर्दिनि शैलसुते॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शंकरतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते। दनुज निरोषिणि दितिसुत रोषिणि दुर्मद शोषिणि सिन्धुसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्य कपर्दिनि शैलसुते॥ अयि जगदंब मदंब कदंब वनप्रिय वासिनि हासरते शिखरि शिरोमणि तुङ्ग हिमालय श्रृंग निजालय मध्यगते। मधु मधुरे मधु कैटभ गंजिनि कैटभ भंजिनि रासरते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्य कपर्दिनि शैलसुते॥ अयि शतखण्ड विखण्डित रुण्ड वितुण्डित शुण्ड गजाधिपते रिपु गज गण्ड विदारण चण्ड पराक्रम शुण्ड मृगाधिपते। निज भुज दण्ड निपातित खण्ड विपातित मुण्ड भटाधिपते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ अयि रण दुर्मद शत्रु वधोदित दुर्धर निर्जर शक्तिभृते चतुर विचार धुरीण महाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते। दुरित दुरीह दुराशय दुर्मति दानव दूत कृतांतमते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ अयि शरणागत वैरि वधूवर वीर वराभय दायकरे त्रिभुवन मस्तक शूल विरोधि शिरोधि कृतामल शूलकरे। दुमिदुमि तामर दुंदुभिनाद महो मुखरीकृत तिग्मकरे जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ अयि निज हुँकृति मात्र निराकृत धूम्र विलोचन धूम्र शते समर विशोषित शोणित बीज समुद्भव शोणित बीज लते। शिव शिव शुंभ निशुंभ महाहव तर्पित भूत पिशाचरते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ धनुरनु संग रणक्षणसंग परिस्फुर दंग नटत्कटके कनक पिशंग पृषत्क निषंग रसद्भट शृंग हतावटुके। कृत चतुरंग बलक्षिति रंग घटब्दहुरंग रटब्दटुके जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ जय जय जप्य जयेजय शब्द परस्तुति तत्पर विश्वनुते झण झण झिञ्जिमि झिंगकृत नूपुर सिंजित मोहित भूतपते। नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटित नाट्य सुगानरते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ अयि सुमनः सुमनः सुमनः सुमनः सुमनोहर कांतियुते श्रित रजनी रजनी रजनी रजनी रजनीकर वक्त्रवृते। सुनयन विभ्रमर भ्रमर भ्रमर भ्रमर भ्रमराधिपते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ सहित महाहव मल्लम तल्लिक मल्लित रल्लक मल्लरते विरचित वल्लिक पल्लिक मल्लिक भिल्लिक भिल्लिक वर्ग वृते। सितकृत पुल्लिसमुल्ल सितारुण तल्लज पल्लव सल्ललिते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ अविरल गण्ड गलन्मद मेदुर मत्त मतङ्गज राजपते त्रिभुवन भूषण भूत कलानिधि रूप पयोनिधि राजसुते। अयि सुद तीजन लालसमानस मोहन मन्मथ राजसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ कमल दलामल कोमल कांति कलाकलितामल भाललते सकल विलास कलानिलयक्रम केलि चलत्कल हंस कुले। अलिकुल सङ्कुल कुवलय मण्डल मौलिमिलद्भकुलालि कुले जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ कर मुरली रव वीजित कूजित लज्जित कोकिल मंजुमते मिलित पुलिन्द मनोहर गुंजित रंजितशैल निकुंज गते। निजगुण भूत महाशबरीगण सदगुण संभृत केलितले जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ कटितट पीत दुकूल विचित्र मयूखतिरस्कृत चंद्र रुचे प्रणत सुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुल सन्नख चंद्र रुचे। जित कनकाचल मौलिपदोर्जित निर्भर कुंजर कुंभकुचे जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ विजित सहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते कृत सुरतारक संगरतारक संगरतारक सूनुसुते। सुरथ समाधि समान समाधि समाधि समाधि सुजातरते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं स शिवे अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत्। तव पदमेव परंपदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ कनकल सत्कल सिन्धु जलैरनु सिंचिनुते गुण रंगभुवम भजति स किं न शचीकुच कुंभ तटी परिरंभ सुखानुभवम्। तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवं जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते किमु पुरुहूत पुरीन्दुमुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते। मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ अयि मयि दीनदयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते। यदुचितमत्र भवत्युररि कुरुतादुरुतापमपा कुरुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥
Writer(s): Adi Shankaracharya, T.k. Govinda Rao Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out