歌词
टुकड़ों की ये तस्वीर है
टुकड़ों में भी लेकिन हसीन तहरीर है
कहने को यूँ कह लिजिए
तेवर भरी से ज़ेवरनुमा ये ज़ंजीर है
ये ज़िन्दगी जुआ है, किसको यक़ीं हुआ है?
बाजियाँ ना, मुनासिब कहीं बढ़ जाए ना
एक तरफ़ा सफ़र के लब पे यहीं दुआ है
कहीं ना गँवारा मोड़, कोई मुड जाए ना
खुदा ना खास्ता, खुदा ना खास्ता
खुदाया खैर करें, खुदा ना खास्ता
एक हाथ में १०० हाथ है
और दूसरे में रंजिशें हैं, जज़्बात हैं
ना जाने क्यूँ इसके लिए
कोहराम में कुछ इत्मीनान सी बात है
ये ज़िन्दगी धुआँ है, किसने इसे छुआ है?
तितलियों की तरह शोख है उड़ जाए ना
एक तरफ़ा सफ़र के लब पे यहीं दुआ है
कहीं ना गँवारा मोड़, कोई मुड जाए ना
खुदा ना खास्ता, खुदा ना खास्ता
खुदाया खैर करें, खुदा ना खास्ता
(ओ, जीने को जो आशियाना बियाबान हैं)
(ओ, पलता उसी आशियाने में तूफ़ान हैं)
साइयाँ
साइयाँ
इतनी सिलवटें माज़ी में पड़ी
जीने की वजह उनसे थी बड़ी
ओ, ज़ाया बात क्यूँ शिकवों में करें?
अधूरी हसरतें दर पे हैं खड़ी
ओ, ज़िन्दगी नशा है, तकलीफ़ में मज़ा है
इसकी फ़ितरत में ही जंग है, छिड़ जाए ना
एक तरफ़ा सफ़र के लब पे यहीं दुआ है
कहीं ना गँवारा मोड़, कोई मुड जाए ना
खुदा ना खास्ता, खुदा ना खास्ता
खुदाया खैर करें, खुदा ना खास्ता
खुदा ना खास्ता, खुदा ना खास्ता
खुदाया खैर करें, खुदा ना खास्ता
Written by: Shankar-Ehsaan-Loy


