歌詞

तुम भी तन्हा थे, हम भी तन्हा थे मिलके रोने लगे ओ, तुम भी तन्हा थे, हम भी तन्हा थे मिलके रोने लगे एक जैसे थे दोनों के ग़म दग़ा होने लगे तुझमें मुस्कुराते हैं, तुझमें गुनगुनाते हैं ख़ुद को तेरे पास ही छोड़ आते हैं तेरे ही ख़यालों में डूबे-डूबे जाते हैं ख़ुद को तेरे पास ही छोड़ आते हैं थोड़े भरे हैं हम, थोड़े से ख़ाली हैं तुम भी हो उलझे से, हम भी सवाली हैं कुछ तुम भी कोरे हो, कुछ हम भी सारे हैं इक आसमाँ पर, हम दो चाँद आधे हैं कम है ज़मीं भी थोड़ी, कम आसमाँ है लगता अधूरा तुम बिन हर जगह है अपनी हर कमी में हम अब तुझे ही पाते हैं ख़ुद को तेरे पास ही छोड़ आते हैं जितनी भी वीरानी है, तुझसे ही सजाते हैं ख़ुद को तेरे पास ही छोड़ आते हैं दो राज़ मिलते हैं हम-राज़ बनते हैं सन्नाटे ऐसे ही आवाज़ बनते हैं ख़ामोशी में तेरी मेरी सदाएँ हैं मेरी हथेली में तेरी दुआएँ हैं एक साथ तेरा हो तो सौ मंज़िलें हों तन्हाई तेरी, मेरी महफ़िलें हों हम तेरी निगाहों से ख़ुद में झिलमिलाते हैं ख़ुद को तेरे पास ही छोड़ आते हैं तुझसे अपनी रातों को सुबह बनाते हैं ख़ुद को तेरे पास ही छोड़ आते हैं
Writer(s): Shakeel Azmi, Chirantan Bhatt Lyrics powered by www.musixmatch.com
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