歌詞
हरकत होने लगी है
कहीं पे हवा चली है
आहट बहुत दूर है
मगर अब ज़ाहिर होने लगी है
हरकत होने लगी है
कहीं पे हवा चली है
ज़रूरत थी अरसों से
मगर अब जाकर वजह बनी है
अपने दिल की बात साथ-साथ लेकर
इंक़लाब ये जज़बात लेकर
बढ़ रहा है संग-संग कारवाँ
देखो इक नया पैग़ाम लेकर
इक नई पहचान लेकर
बढ़ रहा है संग-संग कारवाँ
हरकत होने लगी है
कहीं पे हवा चली है
राहत होने लगी है
मगर आफ़त ना टली है
थोड़ा सा गौर फरमाएँ
इस ओर भी देखें ज़रा
बदले हैं तौर और हवाएँ
ज़माना आया है अब नया
अपने दिल की बात साथ-साथ लेकर
इंक़लाब ये जज़बात लेकर
बढ़ रहा है संग-संग कारवाँ
देखो इक नया पैग़ाम लेकर
इक नई पहचान ले कर
बढ़ रहा है संग-संग कारवाँ
अपने दिल की बात साथ-साथ लेकर
इंक़लाब ये जज़बात लेकर
बढ़ रहा है संग-संग कारवाँ
देखो इक नई सौगात लेकर
इक नई पहचान लेकर
बढ़ रहा है संग-संग कारवाँ
हरकत होने लगी है
कहीं पे हवा चली है
Written by: Ankur Tewari


