歌詞
तेरी वीणा की बन जाऊ तार
ऐसा दे मुझको माँ वरदान
जय माँ सरस्वती,जय माँ सरस्वती
विद्या भुधि की तुम ही हो माता
तुम ही स्वर की हो देवी हो माता
मैं भी जानू सुरु का सार
ऐसा दे मुझको माँ वरदान
तेरी वीणा की बन जाऊ तार
आये चरणों में जो भी तुम्हारे
दूर अज्ञान हो उसके सारे
मन का मिट जाए सब अन्धकार
ऐसा दे मुझको माँ वरदान
तेरी वीणा की बन जाऊ तार
तुम महा ज्ञान की ऐसी धरा
भेद मिट जाए मन का सारा
प्रेम ज्योति जले द्वार द्वार ऐसा दे मुझको वरदान
तेरी वीणा की बन जाऊ तार
Writer(s): S.r. Dehariya
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