歌詞
दीया ना बुझा मेरे घर का
मेरी तक़दीर के मालिक
सुन ले पुकार आई आज तेरे द्वार
ले के आँसुओं की धार मेरे साँवरे
सुन ले पुकार आई आज तेरे द्वार
ले के आँसुओं की धार मेरे साँवरे
मैं तो एक भीख माँगू तोसे फैला के हाथ रे
सुन ले पुकार आई आज तेरे द्वार
ले के आँसुओं की धार मेरे साँवरे
बिनती करूँ मैं तोसे जग के खिवैया
डूब ना जाए मेरी आशा की नैया
बिनती करूँ मैं तोसे जग के खिवैया
डूब ना जाए मेरी आशा की नैया
किस को दिखाऊँ जा के दर्द मैं अपना?
कोई नहीं है मेरा कृष्ण कन्हैया, कृष्ण कन्हैया
सुन ले पुकार आई आज तेरे द्वार
ले के आँसुओं की धार मेरे साँवरे
मैंने प्रभु आज तक कुछ नहीं माँगा
मैने प्रभु आज तक कुछ नहीं माँगा
आज तो दान दे-दे अपनी दया का
बदले में चाहे मेरी जान भी ले-ले
बचा ले सहारा दाता इस दुखिया का, इस दुखिया का
सुन ले पुकार आई आज तेरे द्वार
ले के आँसुओं की धार मेरे साँवरे
तूने जो मेरे दिल की ज्योति बुझाई
ओ, दुनिया वाले होगी तेरी हँसाई
तूने जो मेरे दिल की ज्योति बुझाई
ओ, दुनिया वाले होगी तेरी हँसाई
ऐसा भलाई का जो बदला मिलेगा
कभी ना मिटेगी तेरी जग से बुराई, जग से बुराई
सुन ले पुकार आई आज तेरे द्वार
ले के आँसुओं की धार मेरे साँवरे
सुन ले पुकार, सुन ले पुकार
सुन ले पुकार, सुन ले पुकार
सुन ले पुकार
Written by: Ravi, Ravi Shankar, Shakeel Badayuni


