Jagjit Singh 熱門歌曲
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歌詞
किस को क़ातिल मैं कहूँ? किस को मसीहा समझूँ?
किस को क़ातिल मैं कहूँ? किस को मसीहा समझूँ?
सब यहाँ दोस्त ही बैठे हैं, किसे क्या समझूँ?
सब यहाँ दोस्त ही बैठे हैं, किसे क्या समझूँ?
वो भी क्या दिन थे कि हर वहम यक़ीं होता था
वो भी क्या दिन थे कि हर वहम यक़ीं होता था
अब हक़ीक़त नज़र आए तो उसे क्या समझूँ?
अब हक़ीक़त नज़र आए तो उसे क्या समझूँ?
सब यहाँ दोस्त ही बैठे हैं, किसे क्या समझूँ?
दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठें
दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठें
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूँ?
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूँ?
ज़ुल्म ये है कि है यकता तेरी बेगाना-रवी?
ज़ुल्म ये है कि है यकता तेरी बेगाना-रवी?
लुत्फ़ ये है कि मैं अब तक तुझे अपना समझूँ
लुत्फ़ ये है कि मैं अब तक तुझे अपना समझूँ
किस को क़ातिल मैं कहूँ? किस को मसीहा समझूँ?
सब यहाँ दोस्त ही बैठे हैं, किसे क्या समझूँ?
Writer(s): Jagjit Singh, Ahmed Nadeem Qasmi
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