歌詞

चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था ना क़स्में हैं, ना रस्में हैं ना शिकवे हैं, ना वादे हैं ना क़स्में हैं, ना रस्में हैं ना शिकवे हैं, ना वादे हैं एक सूरत भोली-भाली है दो नैना सीधे-सादे हैं दो नैना सीधे-सादे हैं ऐसा ही रूप ख़यालों में था जैसा मैंने सोचा था हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था मेरी खुशियाँ ही ना बाँटे मेरे ग़म भी सहना चाहे देखे ना ख़्वाब वो महलों के मेरे दिल में रहना चाहे मेरे दिल में रहना चाहे इस दुनिया में कौन था ऐसा जैसा मैंने सोचा था? हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था
Writer(s): Ajay Singha, Anand Bakshi Lyrics powered by www.musixmatch.com
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