積分
演出藝人
Rahul Jain
演出者
詞曲
Rahul Jain
作曲
Harish Sagane
作曲
Vandana Khandelwal
詞曲創作
歌詞
चाहा तुझे दिल ने मेरे, तो साँसों ने धोका दिया
तेरा हुआ यूँ इस तरह कि मुझसे हुआ मैं जुदा
संग ले गया तू फिर मेरे जीने की सारी वजह
तेरी ख़लिश, तेरी खला को दिल में यूँ दी है जगह
मुझमें ही तू रहे यूँ सदा, आदत है तू बुरी या सज़ा?
तुझ बिन भी तू लगे लाज़मी, बेहद है ये मेरी आशिक़ी
रूह को तोड़ा, ऐसे मरोड़ा कि आहें भी चुप हो गईं
धड़कन को जिसने जीना सिखाया वो आहट कहीं खो गई
गुम है हुआ, सब है धुआँ, दिल का ना कोई निशाँ
हुए फ़ासले, हुई दूरियाँ तो खुशियाँ हुई हैं फ़ना
मुझमें ही तू रहे यूँ सदा, आदत है तू बुरी या सज़ा?
तुझ बिन भी तू लगे लाज़मी, बेहद है ये मेरी आशिक़ी
जिस्म से साया ऐसे है रूठा कि राहें जुदा हो गईं
दिल को तसल्ली जिससे मिली थी वो बातें कहीं खो गईं
दिल की सदा अब बेवजह माँगे ना कोई दुआ
ये इल्तिजा, ये ही रज़ा करता है दिल हर दफ़ा
मुझमें ही तू रहे यूँ सदा, आदत है तू बुरी या सज़ा?
तुझ बिन भी तू लगे लाज़मी, बेहद है ये मेरी आशिक़ी
Written by: Harish Sagane, Rahul Jain, Vandana Khandelwal