歌詞

एकलौता दिल था मेरा, कैसे सँभाला तन्हाइयों से इसे तूने निकाला इश्क़ की मुझको चाहत ना होती जीने की भी ज़रूरत ना होती अगर तुम ना होते, ज़िंदगी वीरान होती अगर तुम ना होते, ज़िंदगी वीरान होती इश्क़ की मुझको चाहत ना होती जीने की भी ज़रूरत ना होती अगर तुम ना होते, ज़िंदगी वीरान होती अगर तुम ना होते, ज़िंदगी वीरान होती अगर तुम ना होते, ज़िंदगी वीरान होती ख़ुद से हुआ मैं जुदा, आँखों से जो तूने छुआ कहीं कुछ तो है हुआ, कुछ हुआ रे ख़्वाबों में किसी को बसाना, होता है क्या दिल लगाना पहली दफ़ा ये जाना, जानाँ रे अजनबी प्यास है, ये समाँ ख़ास है तू मेरे पास है, पास है एकलौता दिल था मेरा, कैसे सँभाला तन्हाइयों से इसे तूने निकाला इश्क़ की मुझको चाहत ना होती जीने की भी ज़रूरत ना होती अगर तुम ना होते, ज़िंदगी वीरान होती अगर तुम ना होते, ज़िंदगी वीरान होती तुझसे मिला तो लगा, दूरियाँ हैं एक सज़ा जीने की है तू वजह, तू वजह रे तू जो कहे कर जाऊँ, हद से गुज़र जाऊँ तेरे लिए मर जाऊँ, मर जाऊँ रे तेरी दीदार का, सिलसिला प्यार का यूँ ही चलता रहे अब सदा एकलौता दिल था मेरा, कैसे सँभाला तन्हाइयों से इसे तूने निकाला इश्क़ की मुझको चाहत ना होती जीने की भी ज़रूरत ना होती अगर तुम ना होते, ज़िंदगी वीरान होती अगर तुम ना होते, ज़िंदगी वीरान होती अगर तुम ना होते, ज़िंदगी वीरान होती
Writer(s): Himesh Reshammiya, Sameer Anjaan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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