歌詞

इतना तेरा इंतज़ार किया दिल को ख़फ़ा १०० बार किया तुझसे वफ़ा मैंने की इस क़दर तेरी जुदाई से प्यार किया टूट जाएँ जो रिश्ते, लाज़मी तो नहीं ये कि दिलों से मोहब्बत हो ख़तम बारिशों में जब याद आते हो तुम भीग जाता हूँ मैं, मुस्कुराते हैं ग़म मैं ज़मीं की तरह तरसा हूँ प्यार को बादलों की तरह लौट आओ, सनम बारिशों में जब याद आते हो तुम भीग जाता हूँ मैं, मुस्कुराते हैं ग़म छोड़ के मुझको जहाँ बैठे हो कैसा वहाँ नज़ारा लगता है? छोड़ के मुझको जहाँ बैठे हो कैसा वहाँ नज़ारा लगता है? तोड़ के पैरों में जो रखा है वो दिल हमारा लगता है जानता हूँ मैं, यूँ तो तुम कभी ना मिलोगे फिर भी तुमको ही ढूँढें ये क़दम बारिशों में जब याद आते हो तुम भीग जाता हूँ मैं, मुस्कुराते हैं ग़म मैं ज़मीं की तरह तरसा हूँ प्यार को बादलों की तरह लौट आओ, सनम बारिशों में जब याद आते हो तुम भीग जाता हूँ मैं, मुस्कुराते हैं ग़म
Writer(s): Saini Gurpreet, G. Sharma Gautam, Rajendrakumar Raval Darshan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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