積分
演出藝人
King
聲樂
詞曲
Arpan Kumar
作曲
製作與工程團隊
Section 8
製作人
歌詞
Yeah, yeah, yeah
जो जानते नी उनको भी लगूँ familiar
बना मैं शक से नी बेशक करूँगा clear
मैं माल फूक के ना लिखूँ ये बुद्धि तेज़
इतनी album बना के फेंकूँ, एक below ना million
मैं मौज काटूँ जैसे, "देसी Dan Bilzerian"
जो खाते खार साले बैठे आज pavillion
कल ही शाम ऐसी बंदी से मिला था
जिसका नाम पीछे Kaur, पर vibe थी Brazilian (haha)
खेलें हम आग से और खेलते हम राग से
ये बच्चे कितने भी बड़े, बड़े ना बाप से
मैं नाम राशि ऐसी रखके घूमता हूँ
बंदे कहते नाम जीने का तरीका सीखे आपसे
खुल्ला खाना, खुद कमाना, खुल के जीना
जिनसे मिलता सब हसीना जैसे घूमता बहारों में (flex)
हाँ, हूँ कमीना पर नगीना लेके घूमूँ
हर महीना पूरा साल जैसे जीता हूँ त्योहारों में
हाँ, थोड़ा पापी, मैं गाली देता काफ़ी
पर ज़िंदगी में बढ़ने के लिए कभी ना चाटी
तीन button से बहार छाती, shine मारे proud से
और भाईचारा रखे ना करते देख के हम जाती
हल्ला काटे पूरा हम झुँड से डरा ना करते
करे फ़तेह पूरी अधूरी जंग लड़ा ना करते
आगाज़ मार दे अंजाम से जो पहले
हम वो काल बेटा जिनके हाथ रोशनी धरा ना करते
खड़ा घमंड हुआ तो बात क्यूँ बैठाते हो?
कमज़ोर देखके ही हाथ क्यूँ उठाते हो?
अकेले मोड़ दी कलाई अफलातूनों की
तो दुनिया हमसे कहती इतना कहके क्यूँ जताते हो?
जो राज़ रखले ऐसा राज़ किस्से राज़ी है?
मैं हार के भी जीता खेली ऐसी बाज़ी है
ये सच पसंद नहीं तो कान अपने करलो बंद
मैं धीरे-धीरे फाड़ू बेटा, कौन सी जल्दीबाज़ी है?
आँखें बंद करके भी मैं देखूँ दुनिया को
ये दुनिया गैरों से भी ज़्यादा अपनो से मरी हुई
मुठी खोल के मैं क्या ही लूँगा अपनो से
जो अपनो की ही आँखें मेरे चेहरे से जली हुई
मेरे हाथ दोनों बाँध दोगे
झूठे इल्ज़ामो से तो मान लूँगा गैरों के तुम साथ हो
मगर हर बात का जवाब देता है ये वक्त
मेरी बातें कड़वी या तुम कितने दिल के साफ हो
आज भी शिकंद ना माथे पर तुम देखोगे
चाहे खड़ा अकेले, चाहे कितने पीछे वार हो
भले मंज़ूर ना हो दुश्मनो से हारना
पर दिल के टुकड़े होते है जब दुश्मनो में यार हो
एक दिन जब पता चलेगा सच
तो पैर ज़मीं छोड़ देंगे, आँखें खुद से रूठ जाएँगी
हम तो बैठे होंगे पोहोच से भी दूर
बेखबर तब जानी कड़वी ही ये बातें तुमको खाएँगी
अपना क्या है? हम तो बंदे ही है mood के
जहाँ मिलेगा प्यार, हम वही पे दिल लुटाएँगे
हमसे क्या ही पाओगे तुम दिल दुख के?
हम तो इसकी भी नज़्म बनाके प्यार लूट जाएँगे
तीन नशे थे प्यार एक और जुड़ गया है
तरक्की कहती राजा मुझको लेके उड़ गया है
कहती "पकड़ में मैं ना आती अच्छे-अच्छों के
पर तुझमें ऐसा क्या है मेरा पूरा ध्यान मुड़ गया है"
अब कहती हार का जुआ भी जीतेगा
मैं लिख के देती हूँ, ज़माना तेरे लिए रुक गया है
अगर पता चले फ़र्क़ तो मर्ज़ कोसेगा
मैं क्या हूँ दावा, तू खुद ज़हर जो पी के उठ गया है
(Uh-ho-ho-ho) जो जानते नी उनको भी लगूँ familiar
बना मैं शक से नी बेशक करूँगा clear
मैं माल फूकके ना लिखूँ ये बुद्धि तेज़
इतनी album बना के फेंकूँ, एक below ना million
मैं मौज काटूँ जैसे, "देसी Dan Bilzerian"
जो खाते खार साले बैठे आज pavillion
कल ही शाम ऐसी बंदी से मिला था
जिसका नाम पीछे Kaur, पर vibe थी Brazilian
Written by: Arpan Kumar