歌詞
काली कालजिया री कोर सा
भूरा बादल में चमके बिजली
पिया प्यारी रे मुमल हाले तो
ले चाला मरुधर देश
शीश मुमल रो बाग़ड़ियो नारियल सा
छोटी तो मुमल री बसागणा लागे
जुग जुग जियो सा मुमल
पिया प्यारी रे मुमल...
नाक मुमल रो सूवा केरी छाछ सा
आँख तो मुमल री प्याला मद भरा
जुग जुग जियो सा मुमल
पिया प्यारी रे मुमल...
दाँत मुमल रा दाडम जेरा बीज सा
होंठ तो मुमल रा हिंगलु ढूल रहे
जुग जुग जियो सा मुमल
पिया प्यारी रे मुमल...
बाँह मुमल री चंपा केरी डाल सा
हिवडो तो मुमल रो साँचे डालिया
जुग जुग जियो सा मुमल
पिया प्यारी रे मुमल...
Writer(s): Rajnigandha Shekhawat
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