Lyrics
शाम-सवेरे तेरी यादें आती हैं
आ के दिल को मेरे यूँ तड़पाती हैं
ओ सनम, मोहब्बत की क़सम
मिल के बिछड़ना तो दस्तूर हो गया
यादों में तेरी मजबूर हो गया
ओ सनम, इन यादों की कसम
समझे ज़माना के दिल है खिलौना
जाना है अब "क्या है दिल का लगाना"
नज़रों से अब ना हम को गिराना
मर भी गए तो भूल ना जाना
आँखों में बसी हो पर दूर हो कहीं
दिल के करीब हो, ये मुझ को है यकीं
ओ सनम, तेरे प्यार की कसम
Writer(s): Lucky Ali, Syed Aslam Noor
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