Lyrics

आरज़ू की राहों में, धड़कनों की बाँहों में आरज़ू की राहों में, धड़कनों की बाँहों में आओ, घर बनाएँ हम, फिर वो घर सजाएँ हम अपना प्यार मैं लाऊँ, अपना रूप तुम लाना अपना प्यार मैं लाऊँ, अपना रूप तुम लाना छाँव ले के मैं आऊँ, नर्म धूप तुम लाना आरज़ू की राहों में, धड़कनों की बाँहों में आओ, घर बनाएँ हम, फिर वो घर सजाएँ हम अपना प्यार मैं लाऊँ, अपना रूप तुम लाना छाँव ले के मैं आऊँ, नर्म धूप तुम लाना आरज़ू की राहों में, धड़कनों की बाँहों में दिन को सब हवाओं में हो गुलाब की ख़ुशबू रात आए तो महके एक ख़्वाब का जादू हाँ, दिन को सब हवाओं में हो गुलाब की ख़ुशबू रात आए तो महके एक ख़्वाब का जादू रात ले के मैं आऊँ और ख़्वाब तुम लाना रात ले के मैं आऊँ और ख़्वाब तुम लाना मैं हवाएँ लाऊँगा और गुलाब तुम लाना आरज़ू की राहों में, धड़कनों की बाँहों में आसमाँ-ज़मीं अपने हम नए बनाएँगे हम यक़ीं वफ़ाओं का मर के भी दिलाएँगे हो, आसमाँ-ज़मीं अपने हम नए बनाएँगे हम यक़ीं वफ़ाओं का मर के भी दिलाएँगे आसमान मैं लाऊँ और ज़मीन तुम लाना आसमान मैं लाऊँ और ज़मीन तुम लाना मैं वफ़ाएँ लाऊँगी और यक़ीन तुम लाना आरज़ू की राहों में, धड़कनों की बाँहों में आओ, घर बनाएँ हम, फिर वो घर सजाएँ हम अपना प्यार मैं लाऊँ, अपना रूप तुम लाना अपना प्यार मैं लाऊँ, अपना रूप तुम लाना छाँव ले के मैं आऊँ, नर्म धूप तुम लाना आरज़ू की राहों में, धड़कनों की बाँहों में
Writer(s): Javed Akhtar, Nagrath Rajesh Roshan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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